7/02/2016

महाराणा प्रताप

जयपुर।राणा प्रताप की 475वीं जयंती वर्ष पर उन जीवन के अछूते पहलुओं को बता रहे है।आज की कड़ी में हम बता रहे हैं प्रताप की उदारता की कहानी जब प्रताप ने हमलावर रहीम की पत्नी और बेटियों का सम्मान किया और जहांगीर ने रहीम के बेटे का सिर काट कर उन्हें भेजा।यह जानकर हैरानी होगी कि राणा प्रताप के 24 भाइयों में से तीन के नाम खान सिंह, सुलतान और साहेब खान थे।उनके शस्त्रागार का मुखिया और हल्दीघाटी युद्ध में हरावल दस्ते की प्रमुख टुकड़ी का सेनापति हकीम खां सूर था।वे एक तरह से 20 मांओं के प्रतापी पुत्र थे।उनके 24 भाई, 20 बहनें, 14 पत्नियां, पांच बेटियां और 17 बेटे थे। प्रताप ने अपनी मां जयवंता बाई की सलाह पर आखिरी सांस लेने तक अपनी कमर से दो तलवारें बांधे रखीं।
अब्दुल रहीम खानखाना महान बादशाह जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर के नवरत्नों में शामिल था।वह सैनिक टुकड़ी के साथ हमलावर के रूप में शेरपुर पहुंचा तो कुंवर अमरसिंह ने उस पर हमला कर दिया और उसे पत्नियों और बहनों-बेटियों सहित बंदी बना लिया।अमरसिंह रहीम को प्रताप के सामने ले आया। प्रताप ने यह देखा तो वे पुत्र पर बहुत नाराज हुए और बोले :इस कवि को तत्काल रिहा करो और उनके परिवार की महिलाओं को ससम्मान वापस भेजो।वजह यह कि प्रताप खुद भी कवि थे और रहीम का इसीलिए बहुत सम्मान करते थे।शत्रु सैनिक होने के बावजूद।
कुंवर प्रताप की पहली गुरु मां जयवंती बाई ही थी।प्रताप एक बार अपने दोस्तों के साथ खेल रहे थे।वे एक निहत्थे साथी पर प्रहार किए जा रहे थे।मां ने प्रताप को बुलाया और समझाया :बेटा, शूरवीर जीवन में कभी निहत्थे पर वार नहीं करते।तुम शूरवीर हो।अगर दुश्मन की तलवार टूट भी गई हो तो उसे अपनी तलवार दे दो और युद्ध करो।अवाक प्रताप ने पूछा :मां, मैं अपनी तलवार दे दूंगा तो लड़ूंगा कैसे?मां बोली :तुम दो तलवार रखना और इसके बाद प्रताप ने आजीवन दो तलवारें रखीं और कई ऐसे मौके आए जब शत्रु को अपनी तलवार उन्होंने दी।
प्रताप के परिवार के बारे में
20 मां, 24 भाई, 20 बहनें, 14 पत्नियां, पांच बेटियां और 17 बेटे
पिता- महाराणा उदयसिंह।
मां- जयवंता बाई सोनगरा।
भाई- शक्तिसिंह, खान सिंह, विरम देव, जेत सिंह, राय सिंह, जगमल, सगर, अगर, सिंहा, पच्छन, नारायणदास, सुलतान, लूणकरण, महेशदास, चंदा, सरदूल, रुद्र सिंह, भव सिंह, नेतसी, सिंह, बेरिसाल, मानसिंह, साहेब खान।
पत्नियां- अजब दे पंवार, अमोलक दे चौहान, चंपा कंवर झाला, फूल कंवर राठौड़ प्रथम, रत्नकंवर पंवार, फूल कंवर राठौड़ द्वितीय, जसोदा चौहान, रत्नकंवर राठौड़, भगवत कंवर राठौड़, प्यार कंवर सोलंकी, शाहमेता हाड़ी, माधो कंवर राठौड़, आश कंवर खींचण, रणकंवर राठौड़।
बेटे- अमरसिंह, भगवानदास, सहसमल, गोपाल, काचरा, सांवलदास, दुर्जनसिंह, कल्याणदास, चंदा, शेखा, पूर्णमल, हाथी, रामसिंह, जसवंतसिंह, माना, नाथा, रायभान।
बेटियां- रखमावती, राम कंवर, कुसुमावती, दुर्गावती, सुक कंवर।