बना हुआ है. जियो के सिम से बतिया रही जनता को देखकर सीधे एलजी के सेट पर रिलायंस CDMA वाला जमाना याद आता है. लै बातें… दै बातें… भर-भरकर बातें. और अब तो स्मार्टफोन का जमाना है. लौंडों को नेट का सही यूज करना भी आता है. ऐसे लौंडों की वजह से ही तो टॉरेंट वालों का करियर चल रहा है. लेकिन गुरू… अब मौज के दिन खत्म हो गए हैं. रिलायंस जियो बंद हो जाएगा.
क्या हुआ. छाती दरक गई? कलेजा हुलसने लगा. आंखें चौंधिया गईं. पर क्या बताएं मौसी… काम ही मुकेश अंबानी ने कुछ ऐसा किया है. यहां जनता देशप्रेम वाली गोटी खेल रही है और अंबानी चीन से सिम पर सिम मंगाए जा रहे हैं. खुलेआम, दिनदहाड़े, सरेराह… देशद्रोह!
पहिले आंकड़े समझो. जनवरी, 2016 के पहले ही हफ्ते में जियो के साढ़े चार लाख सिम चीन से मंगाए गए थे. मंगाए क्या गए थे, बनते ही वहीं हैं. एक तरफ मोदी जी हलकान हुए जा रहे हैं मेक इन इंडिया के प्रमोशन में, दूसरी तरफ अंबानी चीन से ऐसे-ऐसे बिन्निस कर रहे हैं. 12 जनवरी को चीन से एक और कन्साइन्मेंट आया था. उसमें फिर जियो के पांच लाख सिम आए थे. 16 जनवरी को फिर सवा चार लाख सिम आए. ये सिलसिला पूरे साल चलता रहा. अभी 28 सितंबर को ही ढाई लाख सिम आए हैं चीन से. ये देखो.
देखो, कब कित्ते सिम आए हैं चीन से (डेटा सोर्स: zauba)
अब बताओ. इस समय हर जगह देशप्रेम की लहर है. चीनी सामान का विरोध हो रहा है. कहा जा रहा है कि हम चीन का सामान खरीदकर उस पर पैसा लुटाते हैं और वो वही पैसा नवाज शरीफ को दे देता है हमारे जवानों को मारने के लिए. तो अच्छा है कि चीन का सामान खरीदा ही न जाए. बिजनेस अपनी जगह है, लेकिन देशप्रेम से बढ़कर थोड़ी न है.
अब जब ये पक्का पता चल गया है कि जियो के सिम चीन से आ रहे हैं तो पूरे भारत के देशभक्त तो इन्हें यूज करेंगे नहीं. जिन्होंने मुफत का माल समझकर ले लिया था, वो भी इसके 56 टुकड़े करके आग लगा देंगे. वैसे भी हमारे यहां देशभक्तों की कमी तो है नहीं. हर चौराहे पर चाट-पकौड़ी खाते रहते हैं देशभक्त. ऐसे में गद्दार बचे ही कितने हैं. गद्दार उतने ही बचे हैं, जितने परशुराम के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद धरती पर ठाकुर बचे थे. ससुरा इतने सर्जिकल स्ट्राइक के बावजूद न जाने कहां से पैदा हो जाते थे.
तो ये जो छिटपुटिए गद्दार बचे हैं, इनके सहारे तो मुकेश अंबानी जियो का कारोबार चला नहीं पाएंगे. हर खेप में लाखों सिम आ रहे हैं, चीन वाली बात पता चलने के बाद तो यूज करने वाले सौ-पचास या कुछ हजार बचेंगे, तो कहां से काम चलेगा. ऐसे में कंपनी तो बंद करनी ही पड़ेगी न. अच्छा वैसे जिनके हलक से अब तक ये बात नहीं उतर रही है कि सिम चीन से आ रहे हैं वो एक फोटो और देख लें.
और अंदर की बात बताएं दोस्त. जब से मुकेश अंबानी ने लोगों को चीनी सामान का विरोध करते देखा है न, तब से उनकी हालत बड़ी दयनीय हो गई है. सुना है आज-कल दिनभर कांपते रहिते हैं. दो-चार आदमी आस-पास बिठा रखे हैं जो जियो के बढ़ते ग्राहकों की गिनती करते रहते हैं ताकि उनके होशो-हवास में कुछ सुधार हो. अब चीनी सामान के विरोध की फोटो हैं ही ऐसी कि किसी की भी जान हलक में अटक जाए. अपने यहां तो सीधे प्रधानमंत्री से बैन लगवाया जाता है. ये अलग बात है कि PMO ने सफाई देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की तरफ से ऐसा कुछ नहीं कहा गया है.
अच्छा हां, एक और बात तो बताना भूल ही गए. एक हैक्टिविस्ट ग्रुप ने खुलासा किया था कि जियो के ग्राहकों की जानकारी अमेरिका और सिंगापुर में भेजी जा रही है. देखो होता क्या है कि आप इंटरनेट पर जो भी ज्यादा देखते-सुनते हैं, उसके आधार पर ये तय किया जाता है कि आपको कौन से विज्ञापन दिखाए जाएंगे. तो आरोप यही है कि जियो अपने ग्राहकों की जानकारी बेच रही है ताकि कंपनियां अपने हिसाब से विज्ञापन दिखा सकें.
एक चीज और नहीं समझ आ रही है. जियो बेचने के विज्ञापन को डिजिटल इंडिया से जोड़ा गया था, लेकिन इसमें मेड इन इंडिया जैसा तो कुछ है ही नहीं. सिम बन रहे हैं चीन में और नेटवर्क वाले उपकरण आ रहे हैं फ्रांस और जर्मनी से. और इंडियावाले यूज कर रहे हैं फ्री में. ये मुफत वाली आदत जाएगी थोड़ी न हम लोगों की. वैसे अब क्या दिक्कत है. अब तो देशभक्त सारा काम संभाल ही लेंगे. कसम पैदा करने वाले की, देशद्रोही जियो तो बंद करवाकर ही रहेंगे. जय भद्रकाली.
10/10/2016
रिलायंस जियो बंद होने वाला है
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