6/17/2016

CDMA मोबाइल बाय बाय



 सबसे ज्यादा सस्ती सेवा का वादा करने वाली रिलायंस का 4जी सेवा अपग्रेडन हो रहा है, इसके तहत जितने भी सीडीएमए मोबाईल धारक हैं उनकी सिमों को बंद कर दिया था तथा उनका अपग्रेडन 4जी सेवा में कर दिया गया किन्तु इससे आम उपभोक्ता को चूना लग गया है, क्योंकि 4जी सिम होने के कारण उपभोक्ता का सीडीएमए मोबाईल एक तरह से कचरा हो गया है।

गौरतलब हो कि विगत एक माह से रिलायंस सीडीएमए मोबाईल धारकों से 4 जी सिम में तब्दील करने के लिये कहा जा रहा था, इसी बीच 3-4 जून को उनका मोबाईल बंद हो गया जब वह कस्टमर केयर सेंटर पहुंचे तो उन्हें ज्ञात हुआ कि उनका सिम बंद कर दी गई है, जिस पर उन्होंने तत्काल 4 जी सिम ली लेकिन उसके बाद भी उनका सीडीएमए मोबाईल चालू नहीं तब पुन: उपभोक्ताओं ने इसकी जानकारी ली तब उन्हें बताया गया कि उनकी यह सिम GSM/LTE मोबाईल में ही चालू होगी। उनका यह फोन मात्र डिब्बा रह गया है। इस प्रकार न जाने कितने ही उपभोक्ताओं को नया मोबाईल खरीदने पड़ा जिससे उनके ऊपर अतिरिक्त भार आ गया।
हजारों उपभोक्ता हैं शहर में
बताया जाता है कि रिलायंस सीडीएमए मोबाईल के हजारों उपभोक्ता हैं जिन्हें इस परेशानी से गुजरना पड़ा, किन्तु इस परेशानी से निजात दिलाने कंपनी द्वारा किसी प्रकार की कोई रियायत नहीं दी गई और न ही आम उपभोक्ता को इसकी कोई जानकारी जिससे बेचारा उपभोक्ता मजबूरी में अपना नंबर लेने तीन-तीन दिन तक मोबाईल को बंद करके रखे रहा। इतना ही नहीं पहले तो कंपनी द्वारा 4 जी सिम फ्री में दी जा रही थी, किन्तु इसके बाद रिलायंस आउटलेटों पर सिम की कीमत सौ रूपये तय कर दी गई। रिलायंस कंपनी द्वारा 4 जी सिम बेचने में अपनाया गया यह फंडा किसी के गले नहीं उतर रहा है।
ई-कचरा होगा पैदा
जानकारों का कहना है कि रिलायंस ने जो हथकंडा अपनाया वह किसी भी परिस्थिति में सही नहीं कहा जा सकता, क्योंकि पहले ही देश ई-कचरा को लेकर पेशोपेश में है, इसको नष्ट करने में पसीना आ रहा है, तथा एनजीटी लगभग हर रोज दिशा निर्देश जारी कर रहा है, उस पर इस प्रकार की 4 जी सिम देकर सीडीएमए मोबाईल को कचरा बनाने से आम उपभोक्ताओं को तो चूना लगा ही है साथ ही सरकार को अगामी भविष्य में इसे नष्ट करने के लिये साधन ढूंढने होगें जिसमे लाखों रूपये का व्यय हो सकता है।
 
 संजय साहू
जबलपुर।
 

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