आपने पब्लिक ट्रांसपोर्ट में यात्रा करते समय ऐसे कई लोगों को देखा होगा जिन्हें गाड़ी में बैठते ही पट से नींद आने लगती है. कई लोग सिनेमा हाल में बैठते ही सो जाते हैं तो कुछ लोगों को पार्क में ठंडी हवा लगते ही नींद आ जाती है.
ऐसे लोगों के ऊपर आसपास के शोरगुल, भीड़भाड़ का भी कोई असर नहीं पड़ता. उन्हें तो बस सोना है तो सोना है. आपको याद होगा अभी कल ही संसद में चर्चा के दौरान राहुल गाँधी सोते पाए गए थे.
बहरहाल, नींद आना अच्छी बात है पर पब्लिक प्लेस पर नहीं. सोते समय आप कैसी मुद्रा बनाते हैं, ये आपको भी होश नहीं रहता. उधर सोशल मीडिया और मोबाइल कैमरों का ज़माना है, लोग तस्वीर खींच लेते हैं, खामखाँ मजाक बन जाता है.
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