मोदी का कहना है अगर नोट बंद करने की जानकारी इसलिए गुप्त रखी गई ताकि काले धन वालो को मौका न मिल सके अपने पैसे ठिकाने लगाने का . खैर एक छोटी से बात जान लेते है अम्बानी मोदी का जीजा आर बी आई का गवर्नर , वाणिज्य मंत्री है का साला . तो मिया आपको लगता है की सारी सूचना एकदम गुप्त रखी गई थी या पहले से इन पूंजीपतियो को कह दिया गया था कि अपने धन को ठिकाने लगाने के लिए वाव्य्स्था कर ली गई थी ?? बिलकुल कर ली गई होगी
नोट बंद हो गए है अब इसकी सबसे बड़ी मार गरीबो और अनपढ़ लोगो पर पड़ रही है बहुत सारे छोटे छोटे दुकानदार अब ये नोट नहीं ले रहे है और जो जयादा धूर्त है वो लोगो को पांच सौ के बदले चार सो का सामान दे रहे है और लोग मजबूरी में ले रहे है , पट्रोल पम्प आदि पर सौ पचास का नोट यह कह कर नहीं ले रहे है की उनके पास चेंज नहीं है या तो सारे पैसो का सामान या पेट्रोल लो या नहीं मिलेगा
इसके अलावा बैंको में जमा कराने की प्रक्रिया भी काफी कठिन होगी सो पूंजीपति पहले से ही बैंक कर्मचारियो से मिल लिए है और एक लाख के बदले ५० -७० हजार पर डील तय हो गई है
इसके अलावा करंट अकाउंट माफिया बहुत जयादा सक्रिय हो गया है यानी ये पूंजीपति लोग छोटे मोटे कम्पनियो को पांच से दस लाख रूपये दे रहे है ताकि वो लोग अपने अकाउंट में पैसा डाल कर टैक्स आदि की अदायगी के बाद पचास से ६० % तक वापिस ले सके इसमें खाता धारक कम्पनी को बीस से तीस % की बचत हो जाएगी
अब यह समझ लेते है की यह घोषणा वैसे तो कभी भी हो सकती थी लेकिन यु पी पंजाब और अन्य राज्यों में आने वाले चुनाव से पहले ही क्यों की गई ?? इसका एक मुख्य कारण यह माना जा रहा है की यु पी चुनाव में समाजवादी और बहुजन समाज पार्टी के लोगो के पास जो कला धन होगा उसका इस्तेमाल न हो सके और सफ़ेद धन इनके पास सिर्फ रोटिया खाने के लिए ही है ऐसा भाजपा का मानना है और जिसका परिणाम यह होगा की ये लोग चुनाव प्रचार सही ढंग से नहीं कर सकेंगे और हार जाएंगे .. खैर यह तो वही बात है जैसे बिल्ली के ख्वाब में चिच्ड़े यानी भाजपा की यह मनसा कभी पूरी नहीं होगी . और ये लोग समझते है की ये लोग पुब्जिपतियो की मदद से पैसा खर्च कर चुनाव जित जाएंगे .
खैर इस प्रक्रिया से यह बात तो साबित हो गई है भाजपा देश को चलाने के हर क्षेत्र में फ्लॉप हो गई है , गरीबी बेरोजगारी , महंगाई को कम नहीं कर पाई है बल्कि भाजपा के पूंजीपतियो ने अपना सारा पैसा खर्च कर गेहू दाल , चीनी सब स्टोक कर लिया है और अब इन सामानों को दुगने दामो पर बेचेंगे और असल मुनाफ़ा कमायंगे
जनता के ध्यान को खींचने के लिए यह मोदी का एक विफल प्रयास है या कहे की एक षड्यंत्र है जो कभी सफल नहीं हो सकता और मोदी जिस काले धन को लाने की बात कर रहे थे उसमे भी विफल है और इससे देश के पूंजीपतियो को को फर्क नहीं पड़ेगा , बल्कि सिर्फ गरीब , मजदूर मारे जाएंगे
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